भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर की बढ़ती मांग – पर्यावरण और जेब दोनों को राहत
भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का उदय
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और बढ़ते प्रदूषण के बीच, भारत में लोग अब पारंपरिक स्कूटर और बाइक को छोड़कर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की ओर बढ़ रहे हैं। खासकर मेट्रो शहरों में ई-स्कूटर एक आम दृश्य बन चुका है।
सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी
केंद्र सरकार की FAME-II योजना (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) और राज्य सरकारों द्वारा दिए जा रहे सब्सिडी ने इस बदलाव को गति दी है। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट दी जा रही है।
आर्थिक लाभ
ई-स्कूटर न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं, बल्कि उपयोगकर्ता के लिए भी काफी किफायती हैं। औसतन ₹10 की बिजली चार्जिंग से वाहन 70-100 किलोमीटर तक चल सकता है, जबकि पेट्रोल की कीमतों में यह दूरी ₹120–150 में पड़ती है।
नई तकनीक
नई तकनीकों के साथ स्कूटर में रेंज, बैटरी लाइफ, स्पीड और सुरक्षा को बेहतर किया गया है। अब कई ई-स्कूटर IP67 वाटरप्रूफ बैटरी, स्मार्ट मीटर, GPS ट्रैकिंग और रिमोट लॉक सिस्टम के साथ आ रहे हैं।
निष्कर्ष
इससे साफ है कि भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर न सिर्फ एक पर्यावरणीय विकल्प हैं, बल्कि आम आदमी के लिए एक आर्थिक समाधान भी हैं।