भारत में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर बाजार: परिवर्तन की ओर एक स्थायी कदम
भारतमेंबढ़तेशहरीकरण,वायुप्रदूषणऔरजीवाश्मईंधनोंपरनिर्भरतानेसरकारऔरआमजनतादोनोंकोवैकल्पिक,स्वच्छऔरकिफायतीपरिवहनविकल्पोंकीतलाशकरनेकेलिएमजबूरकियाहै।ऐसेमेंइलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलर(बैटरीसेचालितऑटोरिक्शा,लोडरआदि)एकव्यावहारिकऔरभविष्यउन्मुखसमाधानकेरूपमेंसामनेआरहेहैं।
भारतकाईवीइकोसिस्टमऔरथ्री-व्हीलरकीभूमिका
इलेक्ट्रिकवाहन(EV)नीतिकेतहतभारतसरकारऔरकईराज्यसरकारेंबैटरीचालितवाहनोंकोअपनानेकेलिएप्रोत्साहनप्रदानकररहीहैं।खासतौरपर,FAME II(Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles)योजनाकेतहतथ्री-व्हीलरवाहनोंपरदीजानेवालीसब्सिडीनेइसक्षेत्रमेंनिवेशऔरउत्पादनकोगतिदीहै।
E-rickshawऔरई-लोडरभारतकेशहरोंऔरकस्बोंमेंपहलेहीआमहोचुकेहैं।इनमेंसेअधिकांशवाहनडेली-यूसकेलिएहोतेहैं–जैसेकियात्रियोंकोऑटोसेलाना-लेजाना,सामानढोनायास्थानीयडिलीवरीसेवाएं।इसकामतलबयहहैकिइनवाहनोंकीमांगशहरीऔरअर्ध-शहरीक्षेत्रोंमेंलगातारबढ़रहीहै।
तकनीकीनवाचारऔरलागतलाभ
इलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलरकेवलपर्यावरणकेलिएहीअनुकूलनहींहैं,बल्किआर्थिकदृष्टिकोणसेभीफायदेमंदहैं।पेट्रोल/डीज़लचालितऑटोकीतुलनामेंबैटरीचालितऑटोकीचलानेकीलागतलगभग60-70%तककमहोतीहै।इसकेअतिरिक्त,रखरखावकीजरूरतेंभीकमहोतीहैंक्योंकिइनमेंकमचलनेवालेपुर्ज़ेहोतेहैं।
नईतकनीकोंजैसेलिथियम-आयनबैटरी,तेज़चार्जिंगसिस्टम,औरडिजिटलट्रैकिंगसॉल्यूशननेइलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलरकोऔरअधिकविश्वसनीयऔरपेशेवरबनादियाहै।इसकेअलावा,कुछस्टार्टअप्सअबIoT-इनेबल्डवाहनोंपरकामकररहेहैं,जिनमेंरियलटाइमलोकेशनट्रैकिंगऔरबैटरीमैनेजमेंटसिस्टमजैसीसुविधाएंउपलब्धहैं।
स्थानीयनिर्माताऔरबाजारमेंप्रतिस्पर्धा
भारतमेंकईघरेलूनिर्माताअबइलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलरबाजारमेंप्रवेशकरचुकेहैं।इनमेंकुछनामपहलेसेऑटोमोबाइलसेक्टरमेंस्थापितहैं,जबकिकईनएस्टार्टअप्सकेवलEVश्रेणीपरफोकसकररहेहैं।प्रतिस्पर्धाबढ़नेसेतकनीकीनवाचारकोप्रोत्साहनमिलाहैऔरवाहनोंकीकीमतेंधीरे-धीरेउपभोक्ताओंकेअनुकूलहोतीजारहीहैं।
सरकारीयोजनाएंऔरवित्तीयपहुंच
इलेक्ट्रिकवाहनोंकीउपलब्धतातभीसफलहोगीजबउनकीफाइनेंसिंगऔरअफोर्डेबिलिटीमेंसुधारहो।सरकारनेNBFCsऔरबैंकोंकेसाथमिलकरविशेषफाइनेंसिंगयोजनाएंशुरूकीहैं,जिससेछोटेव्यवसायीऔरऑटोचालकोंकेलिएई-रिक्शाखरीदनाआसानहोरहाहै।
इसकेसाथ-साथ,कईराज्यसरकारेंपंजीकरणशुल्कऔररोडटैक्समाफकररहीहैं,जिससेईवीअपनानेमेंअतिरिक्तराहतमिलतीहै।
चुनौतियाँऔरभविष्यकीराह
जहाँइसक्षेत्रमेंअनेकसंभावनाएँहैं,वहींकुछचुनौतियाँभीहैं–जैसेकिचार्जिंगइंफ्रास्ट्रक्चरकीकमी,बैटरीरीसाइक्लिंगकीनीतियोंकीस्पष्टता,औरछोटेशहरोंमेंसर्विसनेटवर्ककाअभाव।लेकिनकेंद्रसरकारऔरप्राइवेटसेक्टरमिलकरइनचुनौतियोंसेनिपटनेकीदिशामेंकामकररहेहैं।
भविष्यमें,जैसे-जैसेचार्जिंगस्टेशनबढ़ेंगे,बैटरियोंकीलागतकमहोगी,औरतकनीकबेहतरबनेगी,इलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलरभारतकीगली-गलीमेंदिखाईदेंगे।
निष्कर्ष:
भारतमेंइलेक्ट्रिकथ्री-व्हीलरकाबाजारसिर्फएकट्रेंडनहीं,बल्किट्रांज़िशनहै–एकस्थायी,आर्थिकऔरसामाजिकरूपसेउपयुक्तबदलाव।हमाराप्लेटफ़ॉर्म,हालांकिअभीविकासकेचरणमेंहै,इसीदिशामेंकामकररहाहैताकिआनेवालेवर्षोंमेंहरछोटे-बड़ेशहरकेलोगबेहतरऔरपर्यावरणकेअनुकूलपरिवहनसेजुड़सकें।